Thursday, November 5, 2020

....ताकि देश बच सके

शोभा सिंह की कविताओं पर संक्षिप्त टिप्पणी

-सुजीत कुमार 

शोभा सिंह का कविता संग्रह ‘यह मिट्टी दस्तावेज हमारा’ पढ़ने को मिला। यह संग्रह गुलमोहर किताब प्रकाशन, 55 सी, पाॅकेट-4, मयूर विहार-1 दिल्ली से प्रकाशित हुआ है। इसका मूल्य 120 रुपया है। इस कविता संग्रह में 61 कविताओं को संग्रहित किया गया है। 

शोभा सिंह की कविताएं मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण हैं। कविताओं में सामाजिक-राजनैतिक घटनाक्रम का बड़े ही सहज अंदाज में बयान किया गया है। आज के दौर में जिस तरह का राजनीतिक पतन हुआ है कविताओं को पढ़ते वक्त उसे महसूस किया जा सकता है। शोभा सिंह ने अपनी कविताओं में बहुत सूक्ष्मता से देश में बढ़ रहे अलोकतांत्रिक विचारों को दर्शाया है। किस तरह फासिस्ट शक्तियां हमारे समाज और पूरे देश को बर्बाद करने पर उतारू हैं, कविताओं को पढ़ने से यह स्पष्ट हो जाता है।

शोभा सिंह की कविताओं में संघर्ष करती महिला की अभिव्यक्ति है। कैसे एक महिला बाहरी और भीतरी नौकरी के मामले मेें परिस्थितियों का सामना करती है इस पर फोकस किया गया है। ‘शाहीनबाग: यह मिट्टी दस्तावेज हमारा’, ‘रोहित बेमुला और अंबेडकर’, ‘तलवार की तुर्श धार’ (सोनी सोरी के लिए), गटर में और मौतें नहीं, आजादी की लौ, कश्मीर, औरत, बीड़ी और मजदूर, भुट्टे वाली, नमक मजदूर, स्त्री, गौरी लंकेश, मिसाल: बिलकिस बानो, उदास है देश की मिट्टी, एसिड विक्टिम, रिश्ते, नहीं चाहिए नफरत आदि कविताएं बेमिसाल कविताएं हैं। 

इन सारी कविताओं के माध्यम से शोभा सिंह ने महिला व्यक्तित्व को उभारने की कोशिश की है। भारतीय राजनीति का जिस तरह से सांप्रदायीकरण किया गया है, उसकी तस्वीर शोभा सिंह की कविताओं में बखूबी देखने को मिलती है-

मिसाल: बिलकिस बानो

पिछले पंद्रह साल

तुमने इंतजार किया

बिलकिस बानो, न्याय का

पिछले पंद्रह साल

आसान नहीं था कुछ

कितनी बाधाएं, दुश्वारियां जटिल

और बेहद तल्ख

विपरीत हालात के बीच

तुमने सिर्फ इंतजार किया

मिलने वाले इंसाफ का

या दूसरी कविता 

गौरी लंकेश

गौरी लंकेश! 

तुम्हारी हत्या के बाद भी

वे तुम्हें दागदार करते रहे

वे गालियां देते भद्दी

जिनसे खून खौलता

फिर लगता उन वहशियों से संवाद भी

शर्मनाक है- बेहद शर्मनाक

इन दोनों कविताओं में फासीवादी घटनाओं को उजागर किया गया है। वर्तमान सरकार के राजनैतिक पैंतरों और फासीवादी वहशी चेहरे को उजागर करने की दृष्टि से शोभा सिंह की कविताएं बहुत प्रासंगिक हैं। कविताओं के द्वारा शोभा सिंह ने समकालीन यथार्थ को उजागर किया है। सारी कविताएं आज के संदर्भ में महत्वपूर्ण हैं। कवि का मूल उद्देश्य लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाना है ताकि देश बच सके।