महलों से मुर्दघाट तक फैले हुए हैं आप
मखमल से लेके टाट तक फैले हुए हैं आप
बिजनेस बड़ा है आपका तारीफ क्या करें
मंदिर से लेके हाट तक फैले हुए हैं आप
सोना बिछाना ओढ़ना सब ख्वाब हो गए
डनलप पिलो से खाट तक फैले हुए हैं आप
ईमान तुल रहा है यहां कौडि़यों के मोल
भाषण से लेके बाट तक फैले हुए हैं आप
दरबारियों की भीड़ में जम्हूरियत का रक्स
आमद से लेके थाट तक फैले हुए हैं आप
जनता का शोर खूब है जनता कहीं नहीं
संसद से राजघाट तक फैले हुए हैं आप
- कुबेर दत्त
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